Weekly Devotional

By Max Lucado
Dependable people are like diamonds. They are precious because they are so rare. Experience and know-how are great assets, but they are not much good without trustworthiness. Talent is wonderful, but by itself its not enough. Far better to be a faithful christian. Are you? Like Timothy and Epaphroditus , are you a role model for others? Determine to be a person others can rely on. Keep your word. Show up. Be consistent. Live for others. Take risks . Be a "go to" guy or gal. Make it your goal, by God's grace, to exemplify a life of spiritual steadiness.

हम फसल काटने का मजदूर हैं।

हम फसल काटने का मजदूर हैं।

मत्ती रचित सुसमाचार 9:35-38

पद 35 में, “यीशु सब नगरों और गाँवों में फिरता रहा और उनके आराधनालयों (इब्रानी और यहूदी आराधनालयों) में उपदेश करता, और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा।“

यीशु मसीह यहूदियों के पास गया, जो अब्राहम के द्वारा परमेश्वर से चुने गए लोग थे। उन्होंने अपने पूर्वजों को मिस्र की गुलामी से मुक्त कराकर वाग्धान का देश में ले जाने के लिए मूसा को चुन लिया। परमेश्वर ने मूसा को दस आज्ञाएँ दीं ताकि वे अपने विधाता का अनुसरण करें और उससे आज्ञा को पालन करके उनको प्रेम करें। बाद में, कुछ धार्मिक नेताओं ने लोगों के लिए परमेश्वर की आराधना करने के लिए एक मंदिर की स्थापना की। परमेश्‍वर ने उन्हें कुछ नियम और दिशानिर्देश दिए थे और चाहता था कि वे उनके इच्छा अनुसार जीवन जिएँ।

प्रभु यीशु मसीह का जन्म एक यहूदी स्त्री से हुआ था। परमेश्वर ने पवित्र आत्मा के द्वारा यीशु को उसकी माता मरियम के गर्भ में धारण किया। और परमेश्वर ने यूसुफ को उसका अच्छा  देखभाल करने वाला पिता जैसा चुना और यहूदी धर्म के रीति-रिवाजों, परंपराओं और नियमों के अनुसार उसका पालन-पोषण किया। उनकी माँ मरियम और उनके पति यूसुफ़ दाऊद के वंशज थे। इस तरह, यीशु मसीह के जनम के बारे में भविष्यद्वक्ताओं की सभी भविष्यवाणियाँ पूरी हुईं।

पद 36 में, “जब उसने भीड़ को देखा तो उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों के समान जिनका कोई चरवाहा हो, व्याकुल और भटके हुए से थे।“ यीशु मसीह ने परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार प्रचार करता था और हर बीमारी और हर दुर्बलता को ठीक करता था!

सर्वशक्तिमान परमेश्वर और पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन से प्रभु यीशु मसीह,, सभी लोगों की कठिनाइयों, बीमारियों,  दुःख और दर्दको पहचानते हुये और उनसे चुटकारा प्रदान करता था।

लोग बोलता हैं "मैं तुम्हारे लिए प्रार्थना करूंगा!" (बोल के वो लोग नहीं प्रार्थना करता है, भूल जाता है)  वह प्रार्थना करने के लिए नहीं, वो चाहता है की उनका पसंदीदा शब्द कहके, उनका नज़र मे अच्छा आदमी बनु। यीशु मसीह  ऐसा नहीं है, हर दिन अपने पिता से प्रार्थना करते थे, वुन के द्वार लोगोको को हर बीमारी से चंगा करने और सारी समस्या से छुटकारा देने के लिए और मार्गदर्शन करके, पाप की गुलामी से मुक्त करता था।

यीशु मसीह की तरह हमें भी लोगों से प्रेम करना चाहिये और उनकी सहायता करना चाहिये। क्योंकि वे बिना चरवाहे की भेड़ों के समान बहुत दुःख में और चिंता में हैं!

इसलिए, पद 37-38 में, प्रभु यीशु मसीह ने अपने शिष्यों से कहा, “फसल तो बहुत हैं पर मजदूर थोड़े हैं। इसलिए फसल के स्वामी से विनती करो कि वह अपने खेत में काम करने के लिये मजदूर भेज दे।”

यीशु मसीह ने अपने शिष्यों को किससे प्रार्थना करने के लिए कहा था? वह नहीं! यीशु चाहता है कि वे उसके पिता से प्रार्थना करें! इसका मतलब केवल पिता ही परमेश्वर है। क्या यीशु परमेश्वर नहीं है?

उत्पत्ति 1:1 कहता है, "आदि में परमेश्‍वर"

उत्पत्ति 1:3,6,9,11,14,20,24,26 इन सभी वचनोम में "परमेश्वर" शब्द लिखा हुआ है।

उत्पत्ति 1:2 कहता है, "परमेश्‍वर का आत्मा जल के ऊपर मण्डराता था।"

उत्पत्ति 1:26 में परमेश्वर ने कहा, "हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएँ"!

इन आयतों में कहीं भी यीशु मसीह के बारे में क्यों नहीं बता गया है? क्या यीशु मसीह परमेश्वर नही है? क्या सृष्टि के आरंभ में केवल परमेश्वर और पवित्र आत्मा ही थे?

आइये थोड़ा गहराई से समझने का प्रयास करें!! यूहन्ना रचित सुसमाचार 1:1-5 में, "आदि में वचन था, और वचन परमेश्‍वर के साथ था, और वचन परमेश्‍वर था यही आदि में परमेश्‍वर के साथ था। सब कुछ उसी के द्वारा उत्‍पन्‍न हुआ और जो कुछ उत्‍पन्‍न हुआ है, उसमें से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्‍पन्‍न न हुई। उसमें जीवन था; और वह जीवन मनुष्यों की ज्योति था। और ज्योति अंधकार में चमकती है; और अंधकार ने उसे ग्रहण न किया।“

वचन में लिखा हुआ है कि यीशु मसीह प्रभु है परमेश्वर है और सारे सृष्टि का निर्माता है, वह सृष्टि के आरंभ में परमेश्वर पिता और पवित्र आत्मा के साथ था, यूहन्ना रचित सुसमाचार 1:14 में हम देखे तो, “और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हमने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।“

प्रभु यीशु मसीह पिता परमेश्वर का एकलौता पुत्र है, परमेश्वर का सारी महिमा, अनुग्रह, सच्चाई और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण था!

प्रभु यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाया गया, उन्होंने मृत्यु पर विजय प्राप्त की, और तीसरे दिन मरे हुओं में से पुनः जीवित हो कर जी उठे। उस समय शिष्य पवित्र आत्मा से भरे नहीं थे। शिष्यों को पवित्र आत्मा का यह अनुभव पेंटेकोस्ट के दिन तक प्राप्त नहीं हुआ था। जब प्रभु यीशु मसीह 40 दिनों तक 500 से अधिक लोगों को दिखाई दिए उनसे बात किया और स्वर्ग चले गए!

जैसा कि इफिसियों 1:13 कहता है, "और उसी में तुम पर भी जब तुम ने सत्य का वचन सुना, जो तुम्हारे उद्धार का सुसमाचार है, और जिस पर तुम ने विश्वास किया, प्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा की छाप लगी।जो उद्धार प्राप्त हुआ है उन्हें ने केवल पवित्र आत्मा को प्राप्त करने के बाद ही वह पवित्र आत्मा के द्वारा मुद्रित हो जाएगा।

इफिसियों 1:14 कहता है, " वह उसके मोल लिए हुओं के छुटकारे के लिये हमारी विरासत का बयाना है, कि उसकी महिमा की स्तुति हो।“

यूहन्ना रचित सुसमाचार 16:5-15 में प्रभु यीशु मसीह द्वारा अपने शिष्यों को कहे गए बातों के अनुसार, हम भी अपने जीवन में पवित्र आत्मा का अनुभव (पवित्र आत्मा को अपने हृदय में प्रवेश करने के लिए, अपने हृदय में वास करने के लिए प्रार्थना करने के द्वारा) प्राप्त करना चाहिये। पवित्र आत्मा हमारे लिए प्रभु यीशु मसीह को प्रार्थना करता है, और पिता परमेश्वर का इच्छा का अनुसर प्रार्थना और विनती करने के लिए प्रभु यीशु मसीह को बताता है, प्रभु यीशु मसीह जैसा पवित्र आत्मा ने परमेश्वर का इच्छा का अनुसर प्रार्थना करने के लिए अगुवाई किया जैसा प्रभु यीशु मसीह हमारे लिए परमेश्वर पिता को प्रार्थना और विनती करता है।

क्योंकि फसल तो बहुत हैं, हम फसल को काटने वाला मजदूर हैं! हमारे प्रभु यीशु मसीह और पवित्र आत्मा के द्वारा सर्व शक्तिमान परमेश्वर का नेतृत्व से पूरा दिल से, ताकत से फसल काटने का काम करनेवाला मजदूर को भेज ने के लिए हमें प्रार्थना करना चाहिये, और अधिक मजदूर हमारे साथ जुड़ें, ताकि उनके माध्यम से इस दुनिया के सभी लोग पापों से क्षमा प्राप्त कर सकें, प्रभु यीशु मसीह के द्वारा प्राप्त हो गए उद्धार को अवश्य प्राप्त कर सकें, और परमेश्वर संतान और सारे संपत्ति के अधिकारी के रूप में आनंद से, शांति से जीवन जी सकें!

भाई स्टीवन, यू.एस..

pursuingjesusinc.blogspot.com

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